“सीआरआरआई जैवउर्वरक मॉडल को अपनाने” पर बरगढ़ और झारसुगुड़ा जिलों के एफपीओ सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

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“सीआरआरआई जैवउर्वरक मॉडल को अपनाने” पर बरगढ़ और झारसुगुड़ा जिलों के एफपीओ सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

ओडिशा सरकार द्वारा वित्त पोषित जैव पोषक परियोजना के अंतर्गत, भाकृअनुप-सीआरआरआई, कटक में 11-12 अगस्त 2025 के दौरान बरगढ़ और झारसुगुड़ा जिलों के किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के सदस्यों के लिए “सीआरआरआई जैव उर्वरक मॉडल को अपनाने” पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
भाकृअनुप-सीआरआरआई, कटक के निदेशक डॉ. जी ए के कुमार ने 11 अगस्त, 2025 को उद्घाटन किया। डॉ. उपेंद्र कुमार (पाठ्यक्रम निदेशक एवं परियोजना के प्रधान अन्वेषक) ने कार्यक्रम के उद्देश्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जबकि प्रतिभागियों ने सीआरआरआई से अपनी योजनाओं और आवश्यकताओं को साझा किया।
तकनीकी सत्रों में जैव उर्वरकों के लाभों पर चर्चा की गई, जिसमें सब्जियों और दालों में ट्राइकोडर्मा और राइज़ोबियम का प्रयोग भी शामिल था। डॉ. बी. मंडल (पाठ्यक्रम समन्वयक) ने जैव उर्वरकों को अपनाने के आर्थिक लाभों पर चर्चा की। डॉ. ए.के. मुखर्जी और डॉ. एनी पूनम (सह-पीआई) ने भी तकनीकी विचार-विमर्श में योगदान दिया।
कार्यक्रम का समापन 12 अगस्त, 2025 को डॉ. पी. पन्नीरसेल्वम (पाठ्यक्रम समन्वयक) द्वारा पाठ्यक्रम रिपोर्ट प्रस्तुत करने और डॉ. जी ए के कुमार के अध्यक्षीय भाषण के साथ हुआ, जिसमें किसानों के बीच सीआरआरआई जैव उर्वरकों को बढ़ावा देने में एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
दोनों जिलों के बारह एफपीसी का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल तीस प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसका उद्देश्य सीआरआरआई जैव उर्वरक मॉडल के माध्यम से स्थायी कृषि पद्धतियों को अपनाने को बढ़ावा देना था।

Author: crriadmin