सीआरआरआई द्वारा यंत्रीकृत सीधी बुआई चावल में सूत्रकृमि प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित ![]()
भाकृअनुप–केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने 12 दिसंबर 2025 को ओडिशा के गजपति जिले के रायगढ़ प्रखंड के सुनापुर गांव में ” यंत्रीकृत सीधी बुआई चावल में सूत्रकृमि तथा जैवनियंत्रण कारकों के द्वारा उनका प्रबंधन विषय पर एक प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों में सीधी बुआई चावल की खेती में सूत्रकृमि की समस्याओं को पहचानने और पर्यावरण के अनुकूल और स्थायी प्रबंधन तरीकों को अपनाने के बारे में जागरूकता तथा क्षमता बढ़ाना था।
इस कार्यक्रम में कुल 250 किसानों और हितधारकों ने भाग लिया जिसमें 160 पुरुष और 90 महिलाएँ शामिल थीं। यह इस क्षेत्र में यंत्रीकृत सीधी बुआई वाली धान की खेती में बढ़ती रुचि और इसे अपनाने को दर्शाता है। वैज्ञानिकों, राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों और किसानों के साथ विचार-विनिमय सत्र आयोजित किए गए, जिसमें सीधी बुआई वाली धान-सब्जी फसल प्रणालियों में पौधों को नुकसान पहुँचाने वाले सूत्रकृमि के होने, लक्षणों और उनसे होने वाले उपज के नुकसान पर ध्यान केंद्रित किया गया। जैविक प्रयोग और जैवनियंत्रण कारकों का उपयोग करके स्थायी प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया।
सीआरआरआई के वैज्ञानिक डॉ. रूपक जेना (आयोजक सचिव) ने डॉ. रघु एस. और डॉ. गौरव कुमार के साथ इस कार्यक्रम का समन्वयन किया। श्री बिरंची नारायण मंगराज, कृषि विकास अधिकारी, आर. उदयगिरि और श्रीमती सुप्रिया कन्हार, सहायक कृषि अधिकारी (सहायक कृषि अधिकारी), रायगड़ा प्रखंड ने भी प्रतिभागियों के साथ चर्चा की। उन्होंने सूत्रकृमि की पहचान, एकीकृत सूत्रकृमि प्रबंधन तरीकों और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सूत्रकृमि के संक्रमण को कम करने में जैवनियंत्रण कारकों की भूमिका पर तकनीकी मार्गदर्शन दिया। इस कार्यक्रम में किसानों और वैज्ञानिकों ने विचार-विमर्श भी किया, जिससे प्रतिभागियों को अपने खेतों के अनुभव साझा करने और यंत्रीकृत सीधी बुआई चावल में सूत्रकृमि प्रबंधन से संबंधित अपनी समस्याओं के समधान करने हेतु अवसर मिला।
![]() |
![]() |
![]() |


