बरगढ़ जिले में एकीकृत कृषि प्रणाली (आईएफएस) और सीआरआरआई जैव उर्वरक मॉडल को अपनाने हेतु प्रगतिशील किसानों के लिए क्षेत्र दिवस सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
कृषि और खाद्य उत्पादन निदेशालय, ओडिशा सरकार द्वारा वित्त पोषित अभिनव परियोजना जैवपोषक के अंतर्गत 3 सितंबर 2025 को बरगढ़ जिले के गैसिलेट प्रखंड के भूति बहल गांव के प्रगतिशील किसानों के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली और सीआरआरआई जैवउर्वरक मॉडल को अपनाने हेतु एक क्षेत्र दिवस-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन भाकृअनुप-केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) और अहिंसा क्लब, भूति बहल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सीआरआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक और परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. उपेंद्र कुमार ने कार्यक्रम की परिकल्पना की और परियोजना के सह-प्रधान अन्वेषक डॉ. ए.के. मुखर्जी, डॉ. एनी पूनम और डॉ. बिस्वजीत मंडल ने संसाधन व्यक्तियों के रूप में भाग लिया। डॉ. पूनम ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एकीकृत कृषि उपाय पर प्रकाश डाला, डॉ. मुखर्जी ने दालों और सब्जियों में ट्राइकोडर्मा के प्रयोगों की व्याख्या की, जबकि डॉ. मंडल ने जैव उर्वरकों के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों पर जोर दिया। एंडो-एन, टेक-डीकंपोजर, ट्राइकोडर्मा और अजोला सहित सीआरआरआई जैव उर्वरकों पर प्रदर्शन डॉ. साई कृष्णा रेपल्ली, अनुसंधान सहयोगी द्वारा आयोजित किए गए। एक संवादात्मक सत्र में किसानों और वैज्ञानिकों ने जैव उर्वरक अपनाने की संभावनाओं और चुनौतियों पर चर्चा की। कुल मिलाकर, 18 महिलाओं और 31 पुरुषों सहित लगभग 49 किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और कार्यक्रम से लाभान्वित हुए।
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