अखिल ओडिशा संयुक्त हिंदी कार्यशाला, नराकास कटक की पहल
ओडिशा में राजभाषा हिंदी के क्षेत्र में एक नई पहल और समन्वित प्रयास का साक्षी बना “अखिल ओडिशा संयुक्त हिंदी कार्यशाला” का आयोजन जो 11 जून 2025 को भुवनेश्वर स्थित भौतिकी संस्थान के भव्य सभागार में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक कार्यशाला का आयोजन नराकास, कटक के पहल पर ओडिशा के चार अन्य नराकास अध्यक्ष कार्यालयों के सहयोग से किया गया।
इस संयुक्त कार्यशाला का उद्देश्य कार्यलयीन हिंदी के प्रयोग को सशक्त बनाना, नई तकनीकों के माध्यम से राजभाषा को कार्यक्षेत्र में व्यावहारिक रूप से अपनाने तथा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच राजभाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
कार्यशाला का शुरुआत स्वागत एवं पंजीकरण सत्र तथा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई थी। उद्घाटन सत्र में भौतिकी संस्थान, भुवनेश्वर के निदेशक प्रोफेसर करुणाकर नंद ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों स्वागत करते हुए प्रशासनिक दक्षता में हिंदी के महत्व को रेखांकित किया। नराकास, कटक के अध्यक्ष एवं केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक के निदेशक डॉ जी ए के कुमार ने “कार्यालयीन हिंदी के सरलीकरण” पर केंद्रित विचार प्रस्तुत किया और नराकास, कटक की ओर से इस आयोजन की परिकल्पना की पीछे की प्रेरणा साझा किया। उन्होंने इस प्रकार के प्रयास को भाषा की सुगमता, संवाद की स्पष्टता और कार्यकुशलता से जोड़ा।
खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान, भुवनेश्वर के निदेशक डॉ. रामानुज नारायण, पॉवरग्रिड भुवनेश्वर के कार्यपालक निदेशक डॉ. सुनीता चौहान, कोलकाता स्थित बाबा साहब अम्बेडकर शिक्षा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सोमा बंधोपाध्याय सहित कई गणमान्य वक्ता इसमें शामिल हुए थे। साथ ही राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय, कोलकाता के उप-निदेशक डॉ. विचित्रसेन गुप्ता ने राजभाषा नीति का प्रभावी अनुप्रयोग पर रोशनी डाली।
तकनीकी सत्रों में, माईक्रोसॉफ्ट इंडिया के निदेशक डॉ. बालेंदु शर्मा दधीच ने “हिंदी के ई-टूल्स एवं डिजिटल संसाधनों” पर रोचक एवं उपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किया। एसटीपीआई भुवनेश्वर के तकनीकी विशेषज्ञ श्री हरिराम पंसारी ने तकनीकी कार्यों में हिंदी के उपयोग की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में “खुली चर्चा एवं समाधान” केंद्रित संवाद सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। समापन सत्र में वक्ताओं, आयोजकों तथा प्रतिनिधियों को स्मृतिचिन्ह देर कर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम के आयोजन में नराकास, कटक की भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय रही जिसने इस संयुक्त राजभाषा कार्यशाला की अवधारणा प्रस्तुत की तथा अन्य नराकास कार्यालयों को एक मंच पर लाकर इसे साकार किया। केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री वी गणेश कुमार एवं नराकास, कटक के सदस्य सचिव श्री बिभु कल्याण महांती ने आयोजन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
केंद्रीय विद्यालय, भुवनेश्वर के वरिष्ठ हिंदी अध्यापक डॉ. रवीन्द्र दुबे ने कार्यक्रम सफल संचालन किया। सभी प्रतिभागिता कर रहे कार्यालय प्रधानों एवं अतिथियों ने कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु भौतिकी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर करुणाकर नंद एवं हिंदी अधिकारी श्री भगवान बेहेरा को बधाई एवं सराहना की।
यह कार्यशाला हिंदी के व्यावहारिक पक्ष को मजबूत करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम साबित हुई जिसकी संकल्पना एवं क्रियान्वयन में नराकास, कटक का योगदान उल्लेखनीय है। भविष्य में इस प्रकार के कार्यशाला के आयोजन हेतु केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा योजना बनाई जा रही है।
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |