झारसुगुड़ा जिले में एकीकृत कृषि प्रणाली (आईएफएस) और सीआरआरआई जैव उर्वरक मॉडल को अपनाने हेतु प्रगतिशील किसानों के लिए क्षेत्र दिवस सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
कृषि और खाद्य उत्पादन निदेशालय, ओडिशा सरकार द्वारा वित्त पोषित अभिनव परियोजना जैवपोषक के अंतर्गत 2 सितंबर 2025 को झारसुगुड़ा जिले के लाईकेरा प्रखंड के केंदुडीही गाँव में प्रगतिशील किसानों के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली और सीआरआरआई जैवउर्वरक मॉडल को अपनाने हेतु एक क्षेत्र दिवस-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन भाकृअनुप-केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान और गैर सरकारी संगठन सोशल एजुकेशन फॉर विमेन अवेयरनेस (SEWA), कुमुरीडीही द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। सीआरआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक और परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. उपेंद्र कुमार ने कार्यक्रम की परिकल्पना की और परियोजना के सह-प्रधान अन्वेषक डॉ. ए.के. मुखर्जी, डॉ. एनी पूनम और डॉ. बिस्वजीत मंडल ने संसाधन व्यक्ति के रूप में भाग लिया। डॉ. मुखर्जी ने दालों और सब्जियों में ट्राइकोडर्मा के प्रयोगों पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. पूनम ने विविध तरीकों से किसानों की आय बढ़ाने के लिए एकीकृत कृषि पद्धति के बारे में बताया। डॉ. मंडल ने जैव उर्वरकों के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों पर जोर दिया। जैवपोषक परियोजना के अनुसंधान सहयोगी डॉ. साई कृष्ण रेपल्ली द्वारा सीआरआरआई जैव उर्वरकों जैसे एंडो-एन, टेक-डीकंपोजर, ट्राइकोडर्मा और अजोला के प्रयोगों पर प्रदर्शन आयोजित किए गए। इस कार्यक्रम में श्रीमती प्रमिला मरांडी, एएचओ, लाईकेरा और बागवानी विभाग की श्रीमती केतकी नायक भी उपस्थित थीं। कार्यक्रम का समन्वयन सेवा सचिव श्री सुशील कुमार दाश ने किया और सीआरआरआई तथा सेवा दोनों के परियोजना कर्मचारियों ने इसमें सहयोग दिया। वैज्ञानिकों और किसानों के बीच एक संवादात्मक सत्र ने जैव उर्वरक अपनाने की संभावनाओं और चुनौतियों के बारे में जागरूकता पैदा की। कुल मिलाकर, 27 महिलाओं और 23 पुरुषों सहित लगभग 50 किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और कार्यक्रम से लाभान्वित हुए।
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |